आइबी निदेशक बनाए जा सकते हैं राकेश अस्थान


1984 बैच के गुजरात कैडर के आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को इंटेलीजेंस ब्यूरो ( आइबी ) के निदेशक की नई जिम्मेदारी मिल सकती है । सीमा सुरक्षा बल ( बीएसएफ ) के डीजी पद से सेवानिवृत्त होने के तीन दिन पहले बीते 28 जुलाई को गृह मंत्रालय ने उन्हें दिल्ली पुलिस का आयुक्त बनाया था । साथ ही उन्हें एक साल इका सेवा विस्तार दिया था । दिल्ली पुलिस में उन्हें महज तीन माह ही हुए हैं और अब उनके आइबी में जाने की चर्चा है । वह सीबीआइ और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में प्रमुख पदों पर रह चुके हैं। 

आइबी में वर्तमान में 1984 बैच के ही असम - मेघालय कैडर के आइपीएस अधिकारी अरविंद कुमार निदेशक हैं । चर्चा है कि उन्हें जम्मू - कश्मीर के उपराज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया जा सकता है । अरविंद कुमार पहले आइबी में ही अतिरिक्त निदेशक थे । सेवानिवृत्ति से पहले पिछले साल उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था।

अस्थाना आइबी इसलिए भी जाना चाह रहे हैं , क्योंकि हाल में सरकार द्वारा जारी नए नियम के मुताबिक रॉ आइबी , सीबीआई , ईडी व एनआइए में बेहतर काम करने पर इनके प्रमुख को पांच साल तक सेवा विस्तार दिया जा सकता है । वहीं , दिल्ली पुलिस और अर्ध सैनिक बलों में बार - बार सेवा विस्तार नहीं दिया जा सकता है । अस्थाना ने बहुत कम समय में ने दिल्ली पुलिस में कई बड़े व बेहतर फैसले लिए ।

पहले भी होती रही हैं इस तरह की तैनाती 

पहले भी दिल्ली पुलिस के कई आयुक्तों को और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है । अजय राज शर्मा को दिल्ली पुलिस आयुक्त के बाद सीमा सुरक्षा बल का डीजी बनाया गया था । कुछ साल पहले आलोक कुमार वर्मा को भी दिल्ली पुलिस आयुक्त के बाद सीबीआई का निदेशक बनाया गया था । 

कई अधिकारी जा सकते हैं मूल कैडर में 

कई आइपीएस अधिकारियों को मूल कैडर में भेजे जाने की चर्चा है । 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आइपीएस सुनील बंसल जो वर्तमान में आइबी में स्पेशल डायरेक्टर हैं , उन्हें मूल कैडर में भेजकर ओडिशा का डीजी बनाया जा सकता है । 1988 बैच के सिक्किम कैडर के आइपीएस एनके मिश्रा को मूल कैडर में भेज सिक्किम का डीजी बनाया जा सकता है।

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